About Us
बटोहिया एक हिंदी ब्लॉग वेबसाइट हैl जिसके अर्थ को इस प्रकार भी समझा जा सकता है “उबड़ खाबड़ हो भले डगरिया, रात हो स्याह या उष्ण दुपहरिया, हो के चिंतामुक्त बैठो बैलगाड़ी में, सखी सखा हम तुम्हारे बटोहिया।” बटोहिया ब्लॉग बनाने का उद्देश्य ये है कि हम सभी ज़िंदगी रुपी बैलगाड़ी के साझा मुसाफ़िर बनेंl सफ़र के हर मोड़ पर मिलने वाली ख़ुशी और ग़म दोनों साझा बांटेl साथ ही हम ज़िंदगी के परदे के पीछे के किरदारों को समझ पायें अर्थात कि ये समझ पायें कि एक आदमी दूसरे आदमी की भावनाओं की क़दर करते हुए कैसे उच्चतम व्यवहार करेl साथ ही इस ब्लॉग पर हम विभिन्न प्रकार की जानकारियाँ साझा करेंगे जैसे ब्लॉगिंग, कोट्स, शेर ओ शायरी, कवितायें, कहानियाँ, मेरे लिखे गीत और ज़िंदगी, रिश्तों से जुड़ी वे तमाम बातें जिन्हें हम सभी घुमा फिराकर करते हैंl साथ ही ये भी समझने की कोशिश करेंगे कि ज़िंदगीं में पैसा और जीवन मूल्य हमारे लिए क्या मायने रखता हैl मैं ये भी चाहता हूँ कि जीवनभर सारी ग़लतियाँ हम ही ना करें, कुछ दूसरों की ग़लतियों से भी सीखेंl इस ब्लॉग में पाठकों की रूचि के अनुसार सामग्री सम्मिलित की जायेगीl भविष्य में पाठकों की उम्मीद पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे।
मेरे बारे में –
मैं मनीष शर्मा बाड़मेर और जयपुर (राजस्थान) सेl मेरी शैक्षणिक शिक्षा एम. ए. समाजशास्त्र, इतिहास, एम. एस. डब्ल्यू. (मास्टर ऑफ़ सोशियल वर्क) और एन. डी. डी. वाई हैl व्यक्तिगत तौर पर मैं एक गीतकार, कहानीकार, कवि, गायक, कम्पोज़र हूँl व्यावसायिक तौर पर मैं एक काउंसलर (सलाहकार) हूँl पिछले 15 वर्षों से मैं निरंतर अपनी सेवायें गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज में दे रहा हूँl
मैं ब्लॉगर कैसे बना –
मैंने अपना पहला ब्लॉग 2010 में बनाया थाl मैं अपनी रूचि के अनुसार विषयों को चुनता और उनके बारे में लिखताl समाजशास्त्र का छात्र होने के कारण मैं ज़्यादातर जिन विषयों पर लिखता वे सामाजिक विषय होते थेl इसके अलावा काउंसलर होने के कारण जिन विषय पर समाज की नज़र सरसरी रहती थी मेरी उन पर पैनी नज़र बनी रहती थीl बस इस तरह से मैं हमेशा किसी ना किसी विषय पर कुछ ना कुछ लिखता हुआ और अंतर्वेदना लिखता हुआ एक ब्लॉगर बन गया।