उम्र तमाम हुए जा रही है
हर राह पर भटकते हुएसुबह से शाम हुए जा रही हैबेहतरीन की तलाश मेंउम्र तमाम हुए जा रही है ~ मनीष शर्मा
हर राह पर भटकते हुएसुबह से शाम हुए जा रही हैबेहतरीन की तलाश मेंउम्र तमाम हुए जा रही है ~ मनीष शर्मा
किसी ने रिश्ता दिल से निभायातो किसी ने निभाया दिमाग सेदिल से निभाने वाला दिल में उतरातो दिमाग से निभाने वाला दिल से ~ मनीष शर्मा
ना तुम जीते जी याद रखना मुझेना याद रखना मुझे मरने के बादख़्वाहिश बस इतनी सी ही है मेरीमैं दिलशाद रहूँ जीते जी हर हाल ~ मनीष शर्मा
अस्पताल, जेल और श्मशान। इन तीनों जगहों पर जाने से अहंकार धूमिल हो जाता है, अगर किसी का नहीं हो रहा है, तो वो लोग अपवाद हैं। पहली जगह पर मैं प्रतिदिन नौकरी करने जाता हूँ, दूसरी जगह पर में कुछ माह में कुछ बार, वो भी नौकरी के उद्देश्य से ही। तीसरी जगह मैं…
ईश्वर की सबसे सुंदरतम कृतिस्त्री, आत्मिक प्रेम और प्रकृति ~ मनीष शर्मा
दो पक्षों के बीच हुए झगड़े के बाद ये पता चल जाता है कि दोनों पक्षों के मन में केवल प्रेम रूपी अमृत ही नहीं, विष भी इकट्ठा हो रहा था। ~ मनीष शर्मा
Project No. #23, Date – 06.07.2025 हमारी आने वाली राजस्थानी फ़िल्म “बैरण” में मेरा लिखा गीत “अल्हड़ नाच” आज रिलीज़ हुआ। उम्मीद है कि गीत आप सभी को पसंद आयेगा। मैं हमारे इस गीत पर आपकी बेशक़ीमती रॉय के इंतज़ार में… Lyrics – Manish SharmaMusic – Shreya Paliwal and #NattiSharmaSinger’s – Shreya Paliwal, Hina SainDirector…
कोई भी मसला इतना बड़ा नहीं कि हल ना निकलेमसला तो ये है कि मसलों का हल चाहता नहीं कोई ~ मनीष शर्मा
एक ही वक़्त में, एक ही ख़ुशी से अनेकों लोग ख़ुश होते हैं, हँसते हैं, झूमते हैं, नाचते हैं, जश्न मनाते हैं, उसी वक़्त में अनेकों लोग एक ही दुःख से दुःखी होते हैं, रोते हैं, टूटते हैं, बिखरते हैं, मातम मनाते हैं। ~ मनीष शर्मा
सोशल मीडिया के ग़लत और ज़्यादा इस्तेमाल से बच्चे समय से पहले जवान, जवान समय से पहले बूढ़े और बूढ़े फिर से जवान हो रहे हैं। ~ मनीष शर्मा