Sher o shayari by manish sharma

उड़ते हैं प्रेमी यहाँ

हवा बहुत शुद्ध है गाँवों की, छोटे शहरों कीलेकिन प्रेमियों का बहुत दम, घुटता है वहाँहवा भले ही अशुद्ध है, बड़े-बड़े शहरों कीपर खुल के साँस लेते हैं, उड़ते हैं प्रेमी यहाँ ~ मनीष शर्मा

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शिक्षक ही हैं

विनम्र छात्र बनकर ज़िंदगी भर सीखेगा जोजीवन के उच्च शिखर पर ज़रूर पहुँचेगा वोकेवल शिक्षक ही हैं सबसे सच्चे पथप्रदर्शकजो बताते हैं हमें ज्ञान अर्जन के महत्व को ~ मनीष शर्मा

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सही फ़ैसलों पे

जीवन बीतेगा ख़ुशगवार या गुज़रेगा समझौतों मेंतय होता है ये बाली उमर की क़िताबी मेहनत पे जीवन बीतेगा खुशहाल या गुज़रेगा झमेलों मेंतय होता है ये बाली उमर के सही फ़ैसलों पे जीवन बीतेगा ख़ुशगवार या गुज़रेगा समझौतों मेंतय होता है ये सब कुछ वक़्त और हालातों पे ~ मनीष शर्मा