Counsellor | Writer | Poet | Lyricist | Composer | Singer.
JMFA 2017 Winner of the best lyricist.
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मैं सब दे सकता हूँ
दिल दे सकता हूँ, जान दे सकता हूँवक़्त के सिवाय, मैं सब दे सकता हूँ ~ मनीष शर्मा
बहुत सी बातें
बहुत सी बातें उम्रों के दरम्यां फ़ासलों में दफ़न हो जाती हैं काश ये उम्र ना होती और मैं वो कह पाता जो तुम सुनना चाहती हो ~ मनीष शर्मा
मैंने दर्द के समंदर को
मैंने दर्द के समंदर को अपनी पलकों तले छिपा रखा है भीतर तूफाँ आये ग़म नहीं तुम तक एक बूँद ना छलकेगी ~ मनीष शर्मा
दिलख़राश है ज़माना
दिलख़राश है ज़माना मेरा इब्तिहाज़ हो तुम ~ मनीष शर्मा
सही फ़ैसलों पे
जीवन बीतेगा ख़ुशगवार या गुज़रेगा समझौतों मेंतय होता है ये बाली उमर की क़िताबी मेहनत पे जीवन बीतेगा खुशहाल या गुज़रेगा झमेलों मेंतय होता है ये बाली उमर के सही फ़ैसलों पे जीवन बीतेगा ख़ुशगवार या गुज़रेगा समझौतों मेंतय होता है ये सब कुछ वक़्त और हालातों पे ~ मनीष शर्मा
मैंने दिल के अलावा
मेरा तन्हा दिल कोने में रोता रहा मैंने दिल के अलावा सबकी सुनी ~ मनीष शर्मा