Counsellor | Writer | Poet | Lyricist | Composer | Singer.
JMFA 2017 Winner of the best lyricist.
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समाज को व्यक्ति के बारे में
समाज को व्यक्ति के बारे में आधी जानकारी होती है और उसी आधी जानकारी में ख़ुद की आधी राय जोड़ते हुए पूरी राय गढ़ लेता है समाज। बस, इसी तरह अधिकतर व्यक्तियों का चरित्र चित्रण करता है समाज। ~ मनीष शर्मा
ये मनुष्य तय नहीं करता
प्रायः देखा गया है कि जीवन कैसे जीना है, ये मनुष्य तय नहीं करता। ये तय करता है वो समाज, जिसमें मनुष्य जन्म लेता है। ~ मनीष शर्मा
हम हमेशा उतना ही पाते हैं
हम हमेशा उतना ही पाते हैं जितने हमारे प्रयास होते हैं ~ मनीष शर्मा
भौंतिक सुखों के महासागर की गहराई
मोह माया के मायाजाल में जकड़ा मनुष्य भौंतिक सुखों के महासागर की गहराई में उतरे बिना ना तो निर्वाण की अवस्था में पहुँच सकता है, ना आध्यात्म को पा सकता है और ना ही कभी मोक्ष को प्राप्त हो सकता है। ~ मनीष शर्मा
ज़िंदगी में सब कुछ पा सकता है
जिसके पास खोने के लिए कुछ नहीं होतावो शख़्स, ज़िंदगी में सब कुछ पा सकता है ~ मनीष शर्मा
भले ही थोड़े पैसे कमाओ
भले ही थोड़े पैसे कमाओ, उन थोड़े पैसों में से, थोड़े पैसे बचाओ, इन थोड़े से पैसों को सही निवेश में लगाओ, एक दिन ये थोड़े से पैसे, बहुत ज़्यादा बन जायेंगे। ~ मनीष शर्मा

