चोर वही जो पकड़ा जाए
चोर वही, जो पकड़ा जाए, वरना तो सब, साहुकार हैं। ज़्यादातर लोग चारित्रिक चोर होने के बावजूद, साहुकार की तरह जीते हैं। कभी किसी चोर के पकड़े जाने पर, चोर पर लगाते हैं तोहमतें, लानतें और साहुकार ख़ुद को दिखाते हैं, पाक-साफ़। यानि कि चोरी करने से बड़ा अपराध, चोरी करने के बाद, पकड़ा जाना है।
अजीब दोगलापन है।
~ मनीष शर्मा