चलो चलें दीप जलाने
चलो चलें उन बस्तियों में दीप जलाने
जहाँ के दिये दीपावली पर भी अंधियारा फैलाते हैं
चलो चलें उन बस्तियों में रंग भरने
जहाँ के आँगन बेरंग सूने रह जाते हैं
चलो चलें उन बस्तियों में पटाखे बांटने
जहाँ के बच्चे दीपावली पर फटे अख़बार जलाते हैं
चलो चलें उन बस्तियों में जहाँ के लोग
सहमी आँखों से अगली सुबह कुछ मीठा मांगने जाते हैं
चलो चलें उन बस्तियों में नये कपडे बांटने
जहाँ के लोग हमेशा फटे कपड़ों में नज़र आते हैं
चलो चलें उन बस्तियों में मुस्कुराहट बांटने
जहाँ के लोग हमेशा उदास और ग़मगीन नज़र आते हैं
चलो चलें उन बस्तियों में दीपावली मनाने
चलो चलें उन बस्तियों में खुशियाँ फैलाने
चलो चलें उन बस्तियों में दीपावली मनाने
चलो चलें उन बस्तियों में खुशियाँ फैलाने
~ मनीष शर्मा