बिन अर्थ जीवन व्यर्थ
बिन अर्थ, जीवन व्यर्थ। ~ मनीष शर्मा
बिन अर्थ, जीवन व्यर्थ। ~ मनीष शर्मा
Project No. #20, Date – 18.02.2024 Album : Shahzadi Music : Himansu Katara Lyrics : Manish Sharma Youtube Link : Shahzadi ft. Himanshu Katara | Manish Sharma (youtube.com) गीत : मेरी शहज़ादी मुखड़ा :मेल : इक बार जो तू प्यार से जो देख लेगी मुझे इक बार जो तू प्यार से जो छू लेगी मुझे ये वादा…
Happy Valentine’s Day ❤️तमन्ना यही कि प्यार से बनाया हुआ गाना, हर प्यार करने वाले तक पहुॅंचे। Project No. #19, Date – 14.02.2024 Album : Tod De Zanjeerein Singer : Amit Sengar Lyrics : Manish Sharma Music : Himanshu Katara Youtube Link : https://youtu.be/VkO4DENOZ1o?si=WE3U__MKbzVi3wXj Soundcloud Link : Stream Tod De Zanjeerein by manishsharma536 | Listen online for…
Project No. #18, Date – 11.02.2024 Album : Meri Gal Sun Music : Himansu Katara Lyrics : Manish Sharma Youtube Link : Meri gal sun | Manish Sharma | Himanshu Katara (youtube.com) गीत : मेरी गल सुन मुखड़ा : मेल/फीमेल : मेरी गल सुन गल सुन लो तुम मेरी मेरी/मेरे हो जाओ हो जाओ ना तुम मेरी…
जिसके पास खोने के लिए कुछ नहीं होतावो शख़्स, ज़िंदगी में सब कुछ पा सकता है ~ मनीष शर्मा
चोर वही, जो पकड़ा जाए, वरना तो सब, साहुकार हैं। ज़्यादातर लोग चारित्रिक चोर होने के बावजूद, साहुकार की तरह जीते हैं। कभी किसी चोर के पकड़े जाने पर, चोर पर लगाते हैं तोहमतें, लानतें और साहुकार ख़ुद को दिखाते हैं, पाक-साफ़। यानि कि चोरी करने से बड़ा अपराध, चोरी करने के बाद, पकड़ा जाना…
जो लोग खुलकर नहीं जी पाते, वे लोग छिप- छिपकर जीने की कोशिश करते हैं और जो लोग छिप-छिपकर जीते हैं, वे ताउम्र घुट-घुटकर या मर-मरकर जीते हैं। ~ मनीष शर्मा
मुफ़्त में ली गई सेवाऐं और उपहार दरअसल मुफ़्त नहीं होते। उनकी एक बहुत बड़ी क़ीमत, भविष्य में चुकानी पड़ती है। मुफ़्तखोरी ही सीनाज़ोरी। ~ मनीष शर्मा
वे लोग बहुत ख़ुशनसीब हैं, जिन्होंने समझदार होने के बाद ज़िंदगी को ठीक वैसे मोड़ा, जैसा चाहा या ज़िंदगी को ठीक वैसे जिया, जैसा चाहा या ज़िंदगी ठीक वैसी मिली, जैसी चाही। ~ मनीष शर्मा
दूर से मुझको देखकर केकुछ बड़बड़ाती हो दूर से मुझको देखकर केकुछ बड़बड़ाती होपास आने पर मेरेक्यों चुप हो जाती हो दूर से मुझको देखकर केकुछ इतराती होदूर से मुझको देखकर केकुछ इतराती होपास आने पर मेरेक्यों तुम घबराती हो दूर से मुझको देखकर केपलकें उठाती होदूर से मुझको देखकर केपलकें उठाती होपास आने पर…