Batohiya बटोहिया

सात प्यारे रंगों से मिलकर के बनी हैं होली

सात प्यारे रंगों से मिलकर के बनी हैं होली ख़ुशियों से तू मेरी, मैं तेरी आ भर दें झोली ~ मनीष शर्मा

एक ही ख़्वाब हर रात भी तो नहीं आता

कितने रोज़ याद रखोगे मुझको तुम मरने के बाद एक ही ख़्वाब हर रात भी तो नहीं आता नींदों में ~ मनीष शर्मा

अग़र ज़िंदा हो तुम तो

अग़र ज़िंदा हो तुम तो अपने ज़िंदा होने का अहसास करवाते रहो क्योंकि अस्सी फीसदी लोग पैदा ही सिर्फ़ जनगणना के लिए होते हैं ~ मनीष शर्मा

मोहब्बत का एक दिन मुक़र्रर ना कर ऐ दुनिया

मोहब्बत का एक दिन मुक़र्रर ना कर ऐ दुनिया मैं उसके बग़ैर एक पल भी अब जी नहीं सकता ~ मनीष शर्मा

तुम यहाँ अकेले नहीं हो मनीष

ज़िंदगी के सताये तुम यहाँ अकेले नहीं हो “मनीष” जहाँ तक नज़र जाती हैं लोग बिलखते नज़र आते हैं ~ मनीष शर्मा