Batohiya बटोहिया

उड़ते हैं प्रेमी यहाँ

हवा बहुत शुद्ध है गाँवों की, छोटे शहरों कीलेकिन प्रेमियों का बहुत दम, घुटता है वहाँहवा भले ही अशुद्ध है, बड़े-बड़े शहरों कीपर खुल के साँस लेते हैं, उड़ते हैं प्रेमी यहाँ ~ मनीष शर्मा

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शिक्षक ही हैं

विनम्र छात्र बनकर ज़िंदगी भर सीखेगा जोजीवन के उच्च शिखर पर ज़रूर पहुँचेगा वोकेवल शिक्षक ही हैं सबसे सच्चे पथप्रदर्शकजो बताते हैं हमें ज्ञान अर्जन के महत्व को ~ मनीष शर्मा

चरित्र का आंकलन दैहिक ना होकर

अक़्सर हम लोग समाज में देखते हैं, कि किसी भी व्यक्ति (महिला व पुरूष) को सामाजिक, आर्थिक रूप से तोड़ने, उसको ख़ुद की ही नज़र में गिराने और उसकी प्रतिष्ठा ख़त्म करने के उद्देश्य से चरित्र हनन (Character Assassination) किया जाता रहा है। कईं बार चरित्र हनन वास्तविक होता है, कईं बार झूठा। जहाँ वास्तविक…

Shyam Choodi Bechne Aaya Project No. #22

Project No. #22, Date – 26.08.2024 Album : Shyam Choodi Bechne Aaya Singer : Amit Sengar Lyrics : Manish Sharma Music : Himanshu Katara Youtube Link : Shyam Choodi Bechane Aaya | Amit Sengar | Manish Sharma | Himanshu Katara | (youtube.com) गीत : कान्हा घणी ही भावे मुखड़ा : मेल : जाने कौन गली से आये…

तुम ही से हैं हम

दाता ने दुनिया बनाई आदमी बनाये औरत बनाई प्यार बनाया क़ायनात बनाई ख़ुश रहने के लिए प्रकृति के अनुपम उपहार बनाये पर आदमी ने क्या किया धुंधले सपनों के भौंतिक साधन बनाये स्वार्थ के ऊँचे महल बनाये महल को उसने लोभ-लालच हिंसा-नफ़रत द्वेष-ईर्ष्या बलात्कार झूठ-मकार दोगले मुखोटों से अलंकृत किया भूल गया आदमी किसने उसे…

ना तू किसी से कम

है जिगरे में दमना तू किसी से कमतू आसमाँनिचोड़ के दिखा लकीरों पे तूभरोसा ना करतू राह अपनीख़ुद बना ~ मनीष शर्मा Youtube Link : Mauritius Dance Idol | Official Theme Song Clip (youtube.com)

Mauritius Dance Idol Project No. #21

My first international theme song Mauritius Dance Idol. Project No. #21, Date – 10.06.2024 Album : Mauritius Dance Idol Lyrics : Manish Sharma Youtube Link : Mauritius Dance Idol | Official Theme Song Clip (youtube.com) मुखड़ा : मेल :  Hey everybody let’s get on the dance floor नाचें यहाँ हम सब मिलजुल के बेपरवाह होके होके मस्त…

सभी अपने दुःख-दर्द से मुक्ति चाहते हैं

सभी अपने दुःख-दर्द से मुक्ति चाहते हैं, किंतु दुःख-दर्द से मुक्ति चाहना, अपने साए से पीछा छुड़ाने के समान है। समंदर को सुखाने के समान है। दर्द ही हमदर्द। ~ मनीष शर्मा