Quotes by manish sharma

मुफ़्तखोरी ही सीनाज़ोरी

मुफ़्त में ली गई सेवाऐं और उपहार दरअसल मुफ़्त नहीं होते। उनकी एक बहुत बड़ी क़ीमत, भविष्य में चुकानी पड़ती है। मुफ़्तखोरी ही सीनाज़ोरी। ~ मनीष शर्मा

वैसे जिया, जैसा चाहा

वे लोग बहुत ख़ुशनसीब हैं, जिन्होंने समझदार होने के बाद ज़िंदगी को ठीक वैसे मोड़ा, जैसा चाहा या ज़िंदगी को ठीक वैसे जिया, जैसा चाहा या ज़िंदगी ठीक वैसी मिली, जैसी चाही। ~ मनीष शर्मा

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सही फ़ैसलों पे

जीवन बीतेगा ख़ुशगवार या गुज़रेगा समझौतों मेंतय होता है ये बाली उमर की क़िताबी मेहनत पे जीवन बीतेगा खुशहाल या गुज़रेगा झमेलों मेंतय होता है ये बाली उमर के सही फ़ैसलों पे जीवन बीतेगा ख़ुशगवार या गुज़रेगा समझौतों मेंतय होता है ये सब कुछ वक़्त और हालातों पे ~ मनीष शर्मा

शेयर बाज़ार फिसलपट्टी की तरह है

शेयर बाज़ार फिसलपट्टी की तरह है। तेजी में शेयर सीढ़ियों से चढ़ते हैं और गिरावट में फिसलपट्टी से फिसलते हैं। ~ मनीष शर्मा

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आज तुम लोग भी हमारे साथ चाँद पर होते

भारत ऐसा पहला देश है जिसने चाँद की धरती के दक्षिणी ध्रुव पर क़दम रखा है। ये सफ़लता भारत ने 23 अगस्त 2023 को भारतीय समय के अनुसार 06:04 बजे हासिल की। इसरो द्वारा भेजे गए चंद्रयान 2 ने जहाँ अपने क़दम रखे थे उस स्थान को तिरंगा के नाम से जाना जायेगा और चंद्रयान…

व्यक्ति को कितना मान-सम्मान दिया जाना है

सुखद जीवन जीने के लिए व्यक्ति का सफ़ल होना जितना आवश्यक है, उतना ही आवश्यक इसलिए भी है कि व्यक्ति के ज्ञान, कर्म और पद के आधार पर ही, दुनिया ये तय करती है कि व्यक्ति को कितना मान-सम्मान दिया जाना है। ~ मनीष शर्मा

ज़ुबाँ से तू ना खोल

दुनिया को हमारे बारे में केवल उतना ही ज्ञात होना चाहिए। जितना हम उन्हें बताते हैं। ज़रूरत से ज़्यादा हमारे बारे में अगर दुनिया जानती है या पता लगाती है तो हमारी निजता किसी दिन सरे आम हो सकती है। बंदे जब भी बोल, तोल-तोल के बोल, दिल में दबे राज़, ज़ुबाँ से तू ना…