Author: Manish Sharma

Counsellor | Writer | Poet | Lyricist | Composer | Singer. JMFA 2017 Winner of the best lyricist.

Mauritius Dance Idol Project No. #21

My first international theme song Mauritius Dance Idol. Project No. #21, Date – 10.06.2024 Album : Mauritius Dance Idol Lyrics : Manish Sharma Youtube Link : Mauritius Dance Idol | Official Theme Song Clip (youtube.com) मुखड़ा : मेल :  Hey everybody let’s get on the dance floor नाचें यहाँ हम सब मिलजुल के बेपरवाह होके होके मस्त…

सभी अपने दुःख-दर्द से मुक्ति चाहते हैं

सभी अपने दुःख-दर्द से मुक्ति चाहते हैं, किंतु दुःख-दर्द से मुक्ति चाहना, अपने साए से पीछा छुड़ाने के समान है। समंदर को सुखाने के समान है। दर्द ही हमदर्द। ~ मनीष शर्मा

Shahzadi Project No. #20

Project No. #20, Date – 18.02.2024 Album : Shahzadi Music : Himansu Katara Lyrics : Manish Sharma Youtube Link : Shahzadi ft. Himanshu Katara | Manish Sharma (youtube.com) गीत : मेरी शहज़ादी मुखड़ा :मेल : इक बार जो तू प्यार से जो देख लेगी मुझे इक बार जो तू प्यार से जो छू लेगी मुझे ये वादा…

Tod De Zanjeerein Project #19

Happy Valentine’s Day ❤️तमन्ना यही कि प्यार से बनाया हुआ गाना, हर प्यार करने वाले तक पहुॅंचे। Project No. #19, Date – 14.02.2024 Album : Tod De Zanjeerein Singer : Amit Sengar Lyrics : Manish Sharma Music : Himanshu Katara Youtube Link : https://youtu.be/VkO4DENOZ1o?si=WE3U__MKbzVi3wXj Soundcloud Link : Stream Tod De Zanjeerein by manishsharma536 | Listen online for…

Meri Gal Sun Project #18

Project No. #18, Date – 11.02.2024 Album : Meri Gal Sun Music : Himansu Katara Lyrics : Manish Sharma Youtube Link : Meri gal sun | Manish Sharma | Himanshu Katara (youtube.com) गीत : मेरी गल सुन  मुखड़ा : मेल/फीमेल : मेरी गल सुन गल सुन लो तुम मेरी मेरी/मेरे हो जाओ हो जाओ ना तुम मेरी…

चोर वही जो पकड़ा जाए

चोर वही, जो पकड़ा जाए, वरना तो सब, साहुकार हैं। ज़्यादातर लोग चारित्रिक चोर होने के बावजूद, साहुकार की तरह जीते हैं। कभी किसी चोर के पकड़े जाने पर, चोर पर लगाते हैं तोहमतें, लानतें और साहुकार ख़ुद को दिखाते हैं, पाक-साफ़। यानि कि चोरी करने से बड़ा अपराध, चोरी करने के बाद, पकड़ा जाना…

जो लोग खुलकर नहीं जी पाते

जो लोग खुलकर नहीं जी पाते, वे लोग छिप- छिपकर जीने की कोशिश करते हैं और जो लोग छिप-छिपकर जीते हैं, वे ताउम्र घुट-घुटकर या मर-मरकर जीते हैं। ~ मनीष शर्मा